डाकघर की बचत योजना में निवेश करके आप अगर आर्थिक रूप से मजबूत बनना चाहते है तो आपको एक लम्बी समय अवधी के निवेश वाली बचत योजना का चुनाव करना चाहिए और उस योजना में आपको नियमित निवेश करना चाहिए। डाकघर में आज के समय में बहुत सारी बचत योजनाओं को चलाया जा रहा है जिनका लाभ आप ले सकते है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम भी डाकघर की तरफ से चलाई जा रही एक बेहतरीन स्कीम है जिसमे निवेश करके आप 15 साल के बाद में काफी अच्छा पैसा रिटर्न के रूप में ले सकते है। इस स्कीम में आपको सालाना निवेश के अलावा मासिक, त्रैमासिक या फिर छमाही के हिसाब से निवेश करने का ऑप्शन मिल जाता है और साथ में आपको अपनी इच्छा से हर महीने कितना निवेश करना है इसका भी चुनाव करने का ऑप्शन मिल जाता है।
पीपीएफ स्कीम हमेशा से ही लोगों के लिए निवेश का एक बेहतरीन विकल्प रही है और इसमें कोई दोराय नहीं है की इसमें निवेश करने के बाद में आपको काफी अच्छा पैसा मिलता है। पीपीएफ आपको अधिक ब्याज दर के साथ साथ में कम्पाउंडिंग का लाभ भी देता है जिसके चलते आपका पैसा काफी तेजी के साथ में बढ़ने लगता है। चलिए इस आर्टिकल में आपको पीपीएफ में हर महीने 6 हजार रूपए के निवेश की गणना को अच्छे से समझते है ताकि निवेश से पहले आपके सभी डाउट क्लियर हो सके।
पीपीएफ स्कीम क्या है?
पीपीएफ (Public Provident Fund Scheme) भारत सरकार के द्वारा चलाई जा रही एक बचत योजना ही है जिसमे निवेश करने के बाद में लोगों को काफी अच्छी ब्याज दर के साथ में रिटर्न का लाभ दिया जाता है। अभी हाल ही में सरकार ने पीपीएफ स्कीम के नियमों में कुछ बदलाव भी किया है और नए नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागु किये जा रहे है।
भारत सरकार सभी ग्राहकों को इस स्कीम में निवेश करने के बाद में अपने खाते को किसी भी दूसरे वित्तीय संसथान में स्थानांतरित करने का पूर्ण अवसर देती है और इसके साथ में आप डाकघर के अलावा किसी भी सरकारी बैंक में भी अगर पीपीएफ खाता खुलवाते है तो सभी नियम एक समान लागु होते है। ब्याज दर भी सभी जगहों पर आपको एक जैसी ही मिलती है।
पीपीएफ खाता आप किसी भी संसथान में खुलवाएं इससे आपको किसी भी प्रकार से कोई नुकसान नहीं होने वाला है क्योंकि इस स्कीम को भारत की सरकार की तरफ से कंट्रोल किया जाता है। वित्तीय संस्थान के बंद होने के बाद में भी आपको कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि सरकार की तरफ से अपने आप ही आपके खाते को दूसरे वित्तीय संस्थान में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
पोस्ट ऑफिस पीपीएफ में कितना ब्याज मिल रहा है?
डाकघर के पीपीएफ स्कीम में निवेश करने के बाद में आपको अभी 7.1 फीसदी की दर से गणना करके ब्याज का लाभ दिया जाता है लेकिन इसके साथ में आपको कम्पाउंडिंग का लाभ भी भारत सरकार की तरफ से दिया जा रहा है। कम्पाउंडिंग किसी भी बचत योजना में जादू की तरह काम करती है और आपको निवेश पर जो भी ब्याज मिलता है उस पर भी ब्याज देने में सक्षम होती है।
पीपीएफ के नियम में ये बदलाव हुए है
भारत सकरार की तरफ से पीपीएफ में अब काफी नियम बदल दिए है और अब पीपीएफ स्कीम में अगर कोई बच्चे के नाम से खाता खुलवाया हुआ है ऊपर निवेश किया जा रहा है तो उस खाते में बच्चे के 18 वर्ष होने तक साधारण बचत खाते के जितना ही ब्याज दर दिया जायेगा और बच्चे की आयु 18 वर्ष से अधिक होने के बाद में ही पीपीएफ की ब्याज दर मिलनी शुरू होगी।
इसके अलावा एनआरआई के पीपीएफ में निवेश करने के बाद में अब ब्याज दरों का लाभ नहीं दिया जाएगा। साथ में अगर किसी ने एक से अधिक पीपीएफ खाता खुलवाया हुआ है तो उसके प्राइमरी खाते पर ही ब्याज दर का लाभ दिया जाएगा और वो भी अधिकतम सिमा के अंदर राशि निवेश करने पर ही ब्याज मिलेगा। सिमा से अधिक राशि जमा करने पर उस राशि पर ब्याज का लाभ नहीं दिया जायेगा।
पीपीएम में निवेश की सिमा क्या है?
पोस्ट ऑफिस पीपीएफ स्कीम में निवेश करने के लिए आप एक साल में कम से कम 1000 रूपए का निवेश कर सकते है। अधिकतम निवेश एक साल में आप 1 लाख 50 हजार रूपए का कर सकते है। एक साल में अधिकतम आप 12 किस्तों में पैसे का भुगतान कर सकते है। इसलिए हर महीने भी अगर आप निवेश करना चाहते है तो आप कर सकते है।
हर महीने 6 हजार के निवेश पर कितना पैसा पीपीएफ में मिलता है?
पीपीएफ स्कीम में अगर आप हर महीने 6 हजार रूपए का निवेश करने वाले है तो आपको बता दें की 6 हजार मंथली के हिसाब से आपको 1 साल में 72 हजार का निवेश करना होगा और 15 साल की अवधी के लिए इस स्कीम में निवेश किया जाता है। इसलिए 15 साल में आपकी तरफ से 15 साल में कुल 10 लाख 80 हजार का निवेश किया जायेगा।
पीपीएफ में आपको ब्याज और कम्पाउंडिंग दोनों का लाभ मिलता है इसलिए जब आपकी स्कीम की मच्योरिटी अवधी आती है तो आपको सरकार की तरफ से ₹19,52,740 रिटर्न दिया जाता है जिसमे 10 लाख 80 हजार रूपए आपके द्वारा निवेश की गई राशि होती है और साथ में ₹8,72,740 आपको इस स्कीम में निवेश करने के बाद में मिलने वाला ब्याज का पैसा होता है।