गेहूं की फसल में किसानों को अधिक पैदावार मिल सके इसके लिए कृषि वैज्ञानिक लगातार शोध करते रहते है और नई नई किस्मों को किसानों के लिए इजाद करते रहते है। किसानों ने एक नई गेहूं की किस्म को इजाद किया है जिससे पार्टी हेक्टेयर में 80 से लेकर 100 क्विंटल तक की पैदावार आसानी से मिलने वाली है और साथ में इस किस्म में रोग प्रतिरोधक छमता भी काफी अधिक मिलने वाली है।

खरीफ की फसल का सीजन अब समाप्त होने वाला है और सभी किसानों आने वाले दिनों में रबी की फसल की तैयारी करने वाले है। देश के कई हिस्सों में अब धन की कटाई होने के बाद में गेहूं की फसल की बुवाई शुरू होगी और कई हिस्सों में कपास की कटाई के बाद में गेहूं की बुवाई शुरू की जाने वाली है। पिछले कुछ सालों का इतिहास देखा जाये तो किसानों को गेहूं की खेती काफी अधिक कमाई होने लगी है और इसका सबसे बड़ा कारण है की अब किसाओं को उन्नत किस्तों की बुवाई करने के लिए नई नई किस्म मिलने लगी है।

समय के साथ में मौसम में परिवर्तन होने के चलते अब ये जरुरी हो चूका है की पहले से जिन किस्मों की बुवाई किसान करते आ रहे थे उन किस्मों में भी बदलाव किया जाए ताकि मौसम के हिसाब से खेती में भी रोग प्रतिरोधक छमता भी अधिक हो और साथ में पैदावार भी मिल सके। कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की एक नई किस्म को इजाद किया है जिससे अब किसानों को अधिक पैसवार भी मिलेगा और साथ में रोग प्रतिरोधक छमता इस किस्म की काफी अधिक है। कृषि वैज्ञानिकों ने इस नई किस्म को HD3385 नाम दिया है और इस किस्म से देश के उत्तर पूर्वी मैदानी भागों में तथा उत्तर पश्चिमी भागों में किसान काफी तगड़ी पैदावार ले सकते है।

80-100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिलेगी पैदावार

गेहूं की HD3385 किस्म की बुवाई करने के बाद में किसानों को पार्टी हेक्टेयर में लगभग 80 क्विंटल से लेकर के 100 क्विंटल तक की पैदावार मिलने वाली है। इस किस्म की बुवाई के बाद में गेहूं में सबसे अधिक लगने वाले रोग रतुआ से भी छुटकारा मिलता है क्योंकि ये किस्म इस रोग के पार्टी काफी अधिक रोगप्रतिरोधक छमता के साथ में विकसित की गई है। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने इस किस्म को कई अलग अलग परिस्थितियों में बुवाई करके देखा है जिसमे उनको काफी अधिक सफलता मिली है।

इन राज्यों के लिए है बेस्ट

गेहूं की इस नई किस्म को हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश और इनसे सटे राजस्थान के इलाकों में अगर बुवाई की जाती है तो किसान काफी अधिक पैदावार ले सकते है। इस किस्म को इन्ही राज्यों की जलवायु को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। इसके अल्वा इस किस्म की बुवाई करने के बाद में किसानों को अपनी फसल में येलो, ब्राउन और ब्लैक रस्ट देखने को नहीं मिलेगी और ना ही फसल में इसकी समस्या आती है।

गेहूं की नई किस्म एचडी 3385 बुवाई के मामले में अक्टूबर महीने के आखिरी में और नवम्बर महीने के शुरूआती सप्ताह में सबसे अच्छी मानी जाती है और इस समय में इसकी बुवाई कर देनी चाहिए। इस किस्म के गेहूं के पौधे की ऊंचाई लगभग 98 सेंटीमीटर तक होती है और गेहूं के ये किसान सामान्य किस्मों की तुलना में अधिक तापमान सहने की छमता के साथ में आती है।

मेरा नाम विनोद है और मुझे बिज़नेस तथा योजनाओं पर लिखना काफी पसंद है। मैं इस क्षेत्र...

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